स्वस्थ नागरिक राष्ट्र एवं समाज की मानवीय सम्पति है। व्यक्ति के अस्वस्थ होने पर उसकी कार्य क्षमता में कमी आती है, जिससे सम्पूर्ण राष्ट्र एवं समाज के समग्र विकास पर प्रभाव पडता है। अतः जन हित की दृष्टि से सरकार नागरिकों को चिकित्सा सुविधाऍं उपलब्ध करवाती है। राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बडा राज्य होने के साथ अपनी कुछ भौगोलिक परिस्थितकीय व सांस्कृतिक विशिष्टता रखता है। राज्य का दो तिहाई भाग रेगिस्तानी तथा एक बडा भाग जनजाति बाहुल्य एवं पहाडी है। रेगिस्तानी क्षेत्र में तो सुरक्षित पीने का पानी उपलब्ध कराना भी दुष्कर है। Show राज्य में साधनों की स्वल्पता तथा कठिन वातावरणीय परिस्थितियों के कारण राज्य के नागरिकों को समुचित चिकित्सा सुविधाऍं उपलब्ध करवाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। जिसको पूर्ण करने हेतु राज्य का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्प है तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का ध्येय समस्त नागरिकों के लिए ''अच्छे स्वास्थ्य के स्वीकार्य स्तर'' की प्राप्ति हेतु प्रतिबद्व है। इस कार्य को सम्पन्न करने हेतु शीर्ष संस्था के रूप में निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाऍं, राजस्थान, जयपुर राज्य के नागरिकों का समुचित एवं गुणवतापूर्ण सेवाऍं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप योजनाओं का निर्माण कर उन्हें कार्य रूप में परिणित करती है। राज्य के समस्त नागरिकों को अधिकाधिक लाभान्वित करने तथा उत्कृष्ट सेवाओं की उपलब्धता के प्रयोजनार्थ विभाग चिकित्सा सुविधाओं का निरन्तर विस्तार कर रहा है। संचारी, गैर-संचारी तथा अन्य सामान्य व गम्भीर रोगों की रोकथाम, नियन्त्रण व उन्मूलन हेतु विभाग उपचारात्मक, निरोधात्मक तथा प्रोत्साहक उपायों के रूप में निरन्तर सेवाऍं प्रदान कर रहा है। राज्य में क्षय रोग, मलेरिया, अन्धता, एड्स आदि रोगों पर नियन्त्रण तथा कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु राष्टीय कार्यक्रम भी विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे है। राज्य सरकार द्वारा गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के असाध्य एवं गम्भीर रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों हेतु ''मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष'' तथा जॉंच एवं उपचार की सुविधा हेतु '' चिकित्सा सुविधा कार्ड'' नामक योजनाऍं राज्य में लागू है, इनसे लाभान्वित होने वालों की संख्या में प्रतिवर्ष उतरोतर प्रगति हो रही है। सामान्य जानकारी- राजस्थान
जिलों में जनसंख्या का वितरण, प्रतिशत, दशकीय वुद्धि दर, स्त्री/पुरूष अनुपात, जनसंख्या का घनत्व तथा साक्षरता दर
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में महिला साक्षरता दर कितनी है?2011 की जनगणना के परिणाम बताते हैं कि देश में साक्षरता में वृद्धि हुई है। देश में साक्षरता दर पुरुषों के लिए 74.04 फीसदी, 82.14 और महिलाओं के लिए 65.46 है।
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार कितनी महिलाएं हैं?623, 724, 248 पुरुष और 586, 469, 174 महिला के साथ भारत की जनसंख्या 1,210,854,977 है।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में महिला साक्षरता में सबसे पिछड़ा राज्य कौन सा है?सही उत्तर बिहार है। 2011 की जनगणना के अनुसार, केरल में कुल साक्षरता दर और महिला साक्षरता दर सबसे अधिक है जबकि लक्षद्वीप में पुरुष साक्षरता दर सबसे अधिक है। आंध्र प्रदेश में समग्र साक्षरता दर सबसे कम है। राजस्थान में पुरुष साक्षरता दर सबसे कम है, जबकि बिहार में महिला साक्षरता दर सबसे कम है।
राजस्थान की साक्षरता दर कितनी है 2011 के अनुसार?साक्षरता - 66.1 प्रतिशत(शहरी 79.7 व ग्रामीण 61.4 प्रतिशत)
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