गार्डनिंग में मिट्टी के स्थान पर विभिन्न प्रकार के माध्यमों का उपयोग कर पौधों को ग्रो करने पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें मिट्टी को प्रतिस्थापित कर कोकोपीट का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाने लगा है, जिसका सबसे अच्छा उदाहरण हाइड्रोपोनिक (मिट्टी रहित) खेती है। कोकोपीट होम गार्डनिंग में एक नए बदलाव के रूप में उभरकर सामने आया है। गार्डनिंग में कोकोपीट और
मिट्टी के अपने सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं, जिनको समझकर आप यह तय कर सकते हैं कि कौन सी सामग्री सही है। आइये जानते हैं, गार्डनिंग में मिट्टी और कोकोपीट में से कौन बेहतर है, क्या केवल कोको पीट का उपयोग कर पौधों को ग्रो किया जा सकता है तथा कोकोपीट और मिट्टी में क्या अंतर है, इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। गार्डन की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ होते हैं, जो पौधों के लाभदायक होते हैं। इसमें विभिन्न अनुपात में क्ले (clay), रेत (sand) और सिल्ट (silt) का मिश्रण होता है। इन सभी विशेषताओं की बजह से पौधें केवल मिट्टी में आसानी से ग्रो हो सकते हैं। पौधों को अच्छी तरह से ग्रो करने के लिए मिट्टी को आसानी से संसाधित किया जा सकता है। अधिकांश स्थितियों में बगीचे की मिट्टी अनेक रोगों से संक्रमित होती है और विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों को आवास भी प्रदान करती है। जिसके कारण यह पौधे की वृद्धि और विकास को प्रभावित कर सकती है और ऐसी स्थिति में मिट्टी से पौधे तक आनुवंशिक रोग फैल सकता है। अतः बिना संसाधित की गई मिट्टी का उपयोग करने पर पौधे की ग्रोथ कम हो सकती है और पौधे असमय नष्ट हो सकते हैं। (यह भी जानें: पौधे की ग्रोथ के लिए अच्छी मिट्टी…..) उपजाऊ मिट्टी व अन्य चीजें खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
कोकोपीट के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू – Positive And Negative Facts Of Cocopeat In Hindiकोको पीट नारियल की जटाओं से बनाया जाता है, जो बाजारों में उपलब्ध है। कोकोपीट रोग मुक्त और पौधों के लिए हानिकारक सूक्ष्मजीवों से मुक्त होता है, जिसके कारण कोकोपीट से पौधों को कोई आनुवंशिक रोग नहीं हो पाता है। इन सभी विशेषताओं के कारण कोकोपीट का उपयोग नर्सरी उगाने और स्वस्थ पौधे प्राप्त करने के लिए किया जाता है। कई अन्य उत्पादों की तुलना में इसका उपयोग करना अपेक्षाकृत आसान है यह इको फ्रेंडली और उपयोग करने में आसान होने के कारण कई औद्योगिक उत्पादक अपने ग्रीनहाउस में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। (यह भी जानें: गार्डनिंग के लिए कोकोपीट के लाभ और सम्पूर्ण जानकारी…..) गार्डनिंग करने के लिए कोको पीट व अन्य चीजें खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
गार्डनिंग में क्या बेहतर है मिट्टी या कोकोपीट – What Is Better Soil Or Cocopeat For Gardening In Hindiगमले की मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो जाती है और इसका उपयोग बेहद आम है, लेकिन इसकी अपनी कमियां हैं। मिट्टी कम वातित होती है और जलनिकासी आसान नहीं होती है, जिसके कारण इसमें लगाए गए पौधे या बीज को अधिकतर नुकसान पहुंचाता है। मिट्टी की कमियों को पूरा करने के लिए कोको पीट को होम गार्डनिंग में मिट्टी की तरह उपयोग में लाया जाता है। कोकोपीट में बीज और पौधे का रोपण करने के कई फायदे हैं। कोकोपीट स्वाभाविक रूप से एंटी-फंगल मिट्टी है, जो बीजों को अंकुरित (seeds germinate) करने का एक उत्कृष्ट विकल्प है। कोकोपीट का उपयोग बागवानी संशोधन (horticultural amendment), पॉटिंग मिक्स (potting mix), सीडलिंग (seedlings), कंटेनर गार्डनिंग, बागवानी (horticulture) और फूलों की खेती (floriculture) में तथा हाइड्रोपोनिक उत्पादन (hydroponic production) में भी किया जाता है। कोकोपीट बहुत अधिक समय तक नमी और पानी को स्टोर करके रखता है और इसे धीरे-धीरे पौधे की जड़ों को प्रदान करता है। कोकोपीट एक हवादार सामग्री है, यह एक मजबूत और स्वस्थ जड़ प्रणाली को प्रोत्साहित करती है। अन्य माध्यमों की तुलना में कोकोपीट नमी को लंबे समय तक बनाए रखने में सक्षम होता है। इसका मतलब है कि, यह अन्य की अपेक्षा अधिक तेजी से नहीं सूखेगा और यदि आप नियमित रूप से पानी देना भूल जाते हैं तो आपका पौधा सूखने से बच जाता है। (यह भी जानें: सब्जियों के बीजों को अंकुरित करने की सम्पूर्ण जानकारी…..) गार्डनिंग टूल्स खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
कोकोपीट का उपयोग करने के लाभ – Advantages Of Using Cocopeat For Gardening In Hindi
(यह भी जानें: कोकोपीट कॉइंस में बीज अंकुरण के फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान…..) कोकोपीट के साथ गार्डनिंग करने की टिप्स – Gardening Tips With Cocopeat In Hindi
(यह भी जानें: गार्डनिंग शुरू करने के लिए किन चीजों की पड़ती है जरूरत…..) बागवानी उपकरण खरीदने के लिए नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक करें:
FAQ1. क्या केवल कोकोपीट का इस्तेमाल कर पौधे ग्रो किए जा सकते हैं? – Can We Grow Plants Only In Coco Peat In Hindiउत्तर:- यदि आप मिट्टी रहित गार्डनिंग करने का विचार बना रहे हैं, तो आप मिट्टी को कोकोपीट से प्रतिस्थापित कर सकते हैं। लेकिन केवल कोकोपीट में पौधे को ग्रो नहीं किया जा सकता है। कोकोपीट के साथ अन्य आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र मिलाना आवश्यक है। कोकोपीट के साथ आप वर्मीकम्पोस्ट, गोबर खाद, नीम खली, मस्टर्ड केक, बोनमील इत्यादि का मिश्रण तैयार कर सकते हैं क्योंकि कोकोपीट में पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है। कोकोपीट केवल पौधों को विकसित होने के लिए मिट्टी की तरह एक बेहतर माध्यम प्रदान करता है और पौधों के विकास के लिए अलग से पोषक तत्वों को प्रदान किया जाता है। बागवानी के लिए सबसे अच्छी मृदा कौन सी है?दोमट मिट्टी बागवानी तथा कृषि कार्यों के लिए उत्तम मानी जाती है।
पौधों की वृद्धि के लिए कौन सी मिट्टी अच्छी होती है?Q. पौधे के विकास के लिए सर्वोत्तम मृदा कौन सी होती है? Notes: दोमट मिट्टी में रेत, चिकनी मिट्टी और ह्यूमस का मिश्रण होता है। इसमें जल संचय की क्षमता अधिक होती है, और इसमें पर्याप्त खनिज पाए जाते हैं जो पौधे के विकास के लिए ज़रूरी होते हैं।
पौधे लगाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?गमले की मिट्टी तैयार करने की विधि
मिट्टी के गमले में पानी की जलधारण को बनाये रखने तथा मिट्टी को soft (मुलायम) रखने के लिए उसमें 20% बालू तथा 10% Cocopeat मिला दें. 10% सरसों की खली की खाद मिला दें. इन सभी का अच्छी तरह से मिश्रण तैयार करने के बाद इन्हें गमलों में भरकर किसी भी प्रकार का पौधा लगाया जा सकता है.
पौधों को मिट्टी से क्या लाभ होता है?दोस्तों, पौधों को मिट्टी चढ़ाने से उनको हवा, पानी और पोषक तत्व मिलता है। यह सारा काम खुरपे और फावड़े की मदद से किया जाता है। अलग-अलग फ़सलों में मिट्टी चढ़ाने की अलग-अलग वजहें होती हैं। अब मक्का या बाजरे जैसे पौधों को ही लीजिए।
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