खाद्य सुरक्षा (food security) से तात्पर्य खाद्य पदार्थों की सुनिश्चित आपूर्ति एवं जनसामान्य के लिये भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। पूरे इतिहास में खाद्य सुरक्षा सदा से एक चिन्ता का विषय रहा है। सन १९७४ में विश्व खाद्य सम्मेलन में 'खाद्य सुरक्षा' की परिभाषा दी गयी जिसमें खाद्य आपूर्ति पर बल दिया गया।खाद्य सुरक्षा (food security) से तात्पर्य खाद्य पदार्थों की सुनिश्चित आपूर्ति एवं जनसामान्य के लिये भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। पूरे इतिहास में खाद्य सुरक्षा सदा से एक चिन्ता का विषय रहा है। सन १९७४ में विश्व खाद्य सम्मेलन में 'खाद्य सुरक्षा' की परिभाषा दी गयी जिसमें खाद्य आपूर्ति पर बल दिया गया। Show इसे सुनेंरोकेंपौष्टिक भोजन खरीदने के लिए धन उपलब्ध हो। जाना परमावश्यक है।” भारत में जो सबसे भयानक अकाल पड़ा था, वह 1943 हए। एफ ए ओ का फुल फॉर्म क्या है?इसे सुनेंरोकेंसंयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है. जो भूख को हराने के लिए International प्रयासों का नेतृत्व करती है. इसका लैटिन आदर्श वाक्य, फिएट पैनिस, अंग्रेजी में चलो वहाँ रोटी हो के रूप में अनुवाद करता है. भारतीय खाद्य निगम की स्थापना कब हुई? 14 जनवरी 1965 FAO का अध्यक्ष कौन है? इसे सुनेंरोकेंएफ॰ए॰ओ॰ के प्रथम महानिदेशक ब्रिटेन के जॉन ओर थे। इसके वर्तमान महानिदेशक सेनेगल के जैक्स डियोफ हैं। पढ़ना: समूह शब्द क्या होते हैं? एफएओ की स्थापना कब हुई?16 अक्तूबर 1945, क्यूबेक, कनाडा खाद्य संकट की सबसे भयानक स्थिति कहाँ थी?इसे सुनेंरोकेंइस तरह की समस्यायें विशेषकर अफ्रीका महाद्वीप में देखी जा रहीं हैं । नाइजीरिया की सरकार ने बियाफन लोगों के साथ तथा तथा इथोपिया की सरकार ने इरीट्रियन लोगों के साथ भेदभाव करके खाद्य संकट उत्पन्न किया, जिससे लगभग 6.5 लाख लोगों की मृत्यु हो गई । इसे सुनेंरोकेंभारत में जो सबसे भयानक अकाल पड़ा था, वह 1943 हए। खाद्य संकट क्या है? इसे सुनेंरोकेंयह समस्या विकासशील व अल्पविकसित देशी में अधिक है । कई बार ऐसा सुनने में आता है कि कुछ स्थानों पर तो खाद्य सकट है और कही अत्यधिक उत्पादन व उचित भण्डारण के अभाव में खाद्यान्न नष्ट हो जाते है । कई बार अधिक परिवहन लागत भी इसके लिए जिम्मेदार होती है । विकासशील देशों में जमाखोरी व कालाबाजारी भी एक बड़ी समस्या है । पढ़ना: हिंदी भारत में एक सप्ताह के कितने दिनों? भारत में खाद्यान्न संकट के क्या परिणाम हुए? इसे सुनेंरोकेंExplanation: परिणामतः गरीब आदमी की अन्न उपलब्धता में कमी आ रही है और भुखमरी का खतरा बढ़ रहा है । इससे समाज के गरीब और असहाय वर्ग के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से बढ़ने की आवश्यकता है । अनाज की बढती कीमतों से जब मध्यम वर्ग रहा है तब गरीब वर्ग पर महँगाई के बोझ और जीवन की चिंताओं की स्पष्ट कल्पना की जा सकती है । खाद्य सुरक्षा से क्या आशय है?इसे सुनेंरोकेंखाद्य सुरक्षा (food security) से तात्पर्य खाद्य पदार्थों की सुनिश्चित आपूर्ति एवं जनसामान्य के लिये भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। पूरे इतिहास में खाद्य सुरक्षा सदा से एक चिन्ता का विषय रहा है। सन १९७४ में विश्व खाद्य सम्मेलन में ‘खाद्य सुरक्षा’ की परिभाषा दी गयी जिसमें खाद्य आपूर्ति पर बल दिया गया। इसे सुनेंरोकेंखाद्य संकट के लिए वैसे तो कई कारण जिम्मेदार है लेकिन तीव्र जनसंख्या वृद्धि ने इस समस्या को और भी भयानक बना दिया है । वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि दर खाद्य पदार्थ उत्पादन में वृद्धि की दर से कहीं अधिक है । यह वृद्धि अल्पविकसित देशों में और भी अधिक है परिणामस्वरूप इस समस्या का प्रभाव भी उन देशों में अधिक है । भारत में खाद्य संकट कब उत्पन्न हुआ?इसे सुनेंरोकेंभारत में जो सबसे भयानक अकाल पड़ा था, वह 1943 हए। इस अकाल में सबसे अधिक वही मरे। कुछ लोगों का कहना है कि बंगाल का अकाल चावल की कमी के कारण हुआ था। पढ़ना: संसद में कितने प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं? खाद्य सुरक्षा से आप क्या समझते हैं इस दिशा में भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का वर्णन कीजिए?इसे सुनेंरोकेंभारतीय संविधान की धारा 47 में यह प्रावधान है कि सरकार लोगों का जीवन-स्तर उठाने, आहारों की पौष्टिकता में वृद्धि करने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य में सुधार लाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करेगी एवं खाद्य सुरक्षा में पौष्टिक व कैलोरीयुक्त खाद्यान्नों की आपूर्ति स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराएगी। खाद्य सुरक्षा से क्या आशय है खाद्य सुरक्षा के उपाय बताइए? इसे सुनेंरोकेंखाद्य सुरक्षा (food security) से तात्पर्य खाद्य पदार्थों की सुनिश्चित आपूर्ति एवं जनसामान्य के लिये भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। पूरे इतिहास में खाद्य सुरक्षा सदा से एक चिन्ता का विषय रहा है। सन १९७४ में विश्व खाद्य सम्मेलन में ‘खाद्य सुरक्षा’ की परिभाषा दी गयी जिसमें खाद्य आपूर्ति पर बल दिया गया। भारत में खाद्य संकट क्या है?संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (यूएनएफएओ) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे ज्यादा कुपोषण से पीडित 23 करोड 30 लाख लोग भारत में हैं । देश में गरीब अनाज की मूल्य वृद्धि के अनुपात में नहीं बढ़ रही है । परिणामतः गरीब आदमी की अन्न उपलब्धता में कमी आ रही है और भुखमरी का खतरा बढ़ रहा है ।
भारत में खाद्य संकट कब हुआ?भारत में खाद्य समस्या ब्रिटिश काल से ही बड़ी गंभीर रही है । अक्सर देश में भीषण अकाल पड़ते रहे हैं । 1937 में बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया, जहाँ से प्रतिवर्ष लाखों टन चावल भारत को मिलता था । 1943 में बगाल में भीषण अकाल पड़ा जिसमें लाखों लोगों की जानें गईं ।
खाद्य संकट के परिणाम क्या थे?खाद्य की कमी के कारण कीमतें बढ़ जाती हैं। कुछ लोग ऊँची कीमतों पर खाद्य पदार्थ नहीं खरीद सकते। अगर यह आपदा अधिक विस्तृत क्षेत्र में आती है या अधिक लंबे समय तक बनी रहती है, तो भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है। व्यापक भुखमरी से अकाल की स्थिति बन सकती है ।
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