Swachh Bharat Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0 की शुरुआत की. इस योजना के तहत देश के पांच सौ शहरों में वेस्ट मैनेजमेंट को मजबूत करना, पीने के पानी की सुविधा को बेहतर करने का काम किया जाएगा. Show
इस योजना को लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देशभर में शौचालयों का निर्माण कर, सफाई अभियान चलाकर देश ने स्वच्छ भारत मिशन का पहला चरण पूरा किया. अब हमारा लक्ष्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है, अमृत मिशन भी इसके साथ काम करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले कि देश ने स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से जो हासिल किया, वह ये भरोसा देता है कि हर भारतवासी अपने कर्तव्यों के लिए संवेदनशील है. हमारे सफाईकर्मी सच्चे अर्थ में इस अभियान के महानायक हैं, कोरोना काल में भी उन्होंने अपना काम पूरा किया. पीएम मोदी ने कहा कि सभी शहरों के मेयर, कमिश्नर और अन्य अफसर इस काम को मिशन के तौर पर लें, क्योंकि इससे सीधा फायदा ज़मीनी स्तर पर होगा. पीएम मोदी ने कहा कि अब लोग घरों में ही गीले और सूखे कचरे को अलग रख रहे हैं, दूसरे लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में भले ही कुछ सुस्ती आई हो, लेकिन हर राज्य, जिला, शहर, गांव के प्रशासन को फिर से जाग जाना चाहिए. महात्मा गांधी और बाबा साहेब को किया याद पीएम मोदी बोले कि ‘सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को Water secure cities’ बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे. महात्मा गांधी की जयंती के एक दिन पहले हम ये काम कर रहे हैं. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहेब, असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम शहरी विकास को मानते थे. बेहतर जीवन की आकांक्षा में गांवों से बहुत से लोग शहरों की तरफ आते हैं. हम जानते हैं कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गांवों से भी मुश्किल स्थिति में रहता है.
आपको बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान-अर्बन 2.0, अमृत 2.0 के तहत देश के अलग-अलग शहरों में साफ पानी, वेस्ट मैनेजमेंट, कचरा मुक्त शहर समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा. करीब 500 शहरों, 4000 कस्बों में इस तरह की सुविधा को आगे बढ़ाया जाएगा, तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत स्कीम के सेकेंड फेज का शुभारंभ किया है. इसमें हर शहर को कूड़ा मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है.आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश में स्वच्छता अभियान का बिगुल फूंका. आज उन्होंने स्वच्छता को नागरिकों के मान-सम्मान से भी जोड़ा और देश प्रेम से भी. ऐसे में आज हम इस पूरे कैंपेन का विश्लेषण करेंगे और आपको देश के सबसे स्वच्छ और सबसे अस्वच्छ शहर में भी ले चलेंगे. ताकी आप समझ सकें कि देश को इस स्वच्छता अभियान की कितनी जरूरत है. लेकिन सबसे पहले देखिए कैसे देश में स्वच्छ भारत अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत हुई और कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने इस महाअभियान की अलख जगाई. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर स्वच्छता पर्व के दूसरे चरण को देश भर में नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत स्कीम के सेकेंड फेज का शुभारंभ किया है. इसमें हर शहर को कूड़ा मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है. अब स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0 का लक्ष्य है कचरा मुक्त शहर. यानी शहरों से कूड़े के पहाड़ पूरी तरह हटाए जाएंगे. शहर को कचरे के ढेर से मुक्ती मिलेगी. इस अभियान को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ना सिर्फ शहर कचरा मुक्त होंगे बल्कि वेस्ट प्रोसेस भी 100% होंगे. 70 फीसदी डेली वेस्ट हो रहा प्रोसेस 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20 प्रतिशत से भी कम प्रोसेस होता था. आज देश करीब 70% डेली वेस्ट प्रोसेस कर रहा है. इसे 100% तक लेकर जाने का लक्ष्य है इस महाअभियान में शहरों को कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य तो है ही साथ ही जल संरक्षण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी बड़ी तैयारी की गई है. मतलब ये कि अब शहरों में भी पानी को सुरक्षित किया जाएगा. इसमें करीब 2.64 करोड़ सीवर कनेक्शन और करीब 2.68 करोड़ नल कनेक्शन दिया जाएगा. साथ ही 500 शहरों में सीवरेज और सेप्टेज को 100% कवरेज करते हुए करीब 4,700 शहरी निकायों में सभी घरों में पीने के पानी की सप्लाई होगी.सीवेज के पानी को साफ कर दोबारा उपयोग में लाया जाएगा. इससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा होगा. पीएम मोदी के इस सपने को धरातल पर उतारने का काम भी आज से ही शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने तीर्थनगरी में जाकर क्लीन इंडिया कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई. प्रयागराज आस्था की नगरी है. स्वच्छता का मंत्र इस शहर की परंपराओं में गूंजता रहा है. तीर्थनगरी में स्वच्छता के इसी मंत्र को क्लीन इंडिया कार्यक्रम के तहत सरकार की तरफ से भी दोहराया गया. प्रयागराज से ही प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए देशव्यापी अभियान की शुरुआत की गई है. स्वच्छता मिशन पार्ट 1 में सरकार को कितनी सफलता मिली आज जब पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन शहरी और अमृत योजना के दूसरे चरण की लॉन्चिंग की है. तो ये जानना भी जरूरी है कि स्वच्छता मिशन पार्ट 1 में सरकार को कितनी सफलता मिली . ये योजना 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर शुरू की गई थी. सरकार ने इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 9.28 करोड़ टॉयलेट्स बनवाए. सरकार ने शहर और कस्बों में 58 लाख टॉयलेट्स बनवाए हैं. सरकारी डेटा के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में करीब 5 लाख कम्युनिटी टायलेट्स भी बनाए गए हैं. आज देश के 90 फ़ीसदी से ज़्यादा घरों में टॉयलेट की सुविधा मौजूद है, जो 2014 के पहले केवल 40 फ़ीसदी घरों में थी. स्वच्छ भारत मिशन को सफल बताते हुए दावा है कि लक्ष्य का 96.25 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है. यही वजह है कि आज प्रधानमंत्री ने क्लीन इंडिया कैंपेन के दूसरे चरण को लांच किया है. जिसमें शहरों को कचरा मुक्त किया जाना है. जाहिर है, ऐसे में क्लीन इंडिया कैंपेन की चर्चा तब तक अधूरी है .जब तक आप ये ना जान लें कि देश के सबसे स्वच्छ और सबसे अस्वच्छ टॉप 5 शहर कौन हैं.सबसे पहले बात देश के टॉप 5 शहरों की… भारत के 5 सबसे स्वच्छ शहर भारत के 10 सबसे स्वच्छ शहर 2021 में पहला नाम इंदौर का आता है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्वच्छ शहर की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है. इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर विशाखापट्टनम आता है. गुजरात का सूरत चौथे नंबर है.ये गुजरात के प्रमुख शहरों में से एक है. कर्नाटक के प्रमुख शहरों में से एक मैसूर को इस लिस्ट में पांचवे स्थान पर रखा गया है. देश के सबसे अस्वच्छ शहरों की लिस्ट इस लिस्ट के साथ ही देश के सबसे अस्वच्छ शहरों की लिस्ट भी जारी की जाती है. इस लिस्ट में बड़े शहरों की श्रेणी में पटना सबसे गंदा शहर है. टॉप फाइव में पूर्वी दिल्ली, चेन्नई, कोटा और उत्तरी दिल्ली हैं. ये वो इलाके या शहर हैं जिसकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है. पीएम मोदी इन शहरों को भी स्वच्छता की लिस्ट में ऊपर लाना चाहते हैं. वो चाहते हैं कि इंदौर की तरह ही लोग इन शहरों को भी उसकी स्वच्छता के लिए पहचानें. स्वस्थ भारत मिशन की शुरुआत कब हुई?श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की नई दिल्ली, राजपथ पर शुरूआत करते हुए कहा था कि “एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं।” 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था।
स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य नारा क्या था?गन्दगी से बढ़े बीमारी, स्वच्छता की करो तैयारी। चलो सफाई की एक आदत डालें, गन्दगी को कूड़ेदान में ही डालें। जब हमारा भारत स्वच्छ होगा, तभी तो हर सपना सच होगा। देश तभी साफ होगा, जब स्वच्छता में सबका हाथ होगा।
स्वच्छ भारत अभियान का नाम बदलकर क्या रखा गया है?पृष्ठभूमि आधिकारिक रूप से 1 अप्रैल 1999 से शुरू, भारत सरकार ने व्यापक ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम का पुनर्गठन किया और पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) शुरू किया जिसको बाद में (1 अप्रैल 2012 को) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा निर्मल भारत अभियान (एनबीए) नाम दिया गया।
स्वच्छ भारत अभियान कब मनाया जाता है?महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है शुरू किया और इसके सफल कार्यान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान से जुड़ने की अपील ...
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