News Nation Bureau | Edited By : Aarya Pandey | Updated on: 18 Dec 2022, 10:27:28 AM Show
Adhik Maas 2023 (Photo Credit: Social Media ) नई दिल्ली : Adhik Maas 2023 : नया साल अब जल्द शुरु होने जा रहा है. ऐसे में ज्योतिषियों के हिसाब से बोली जाए, तो साल 2023 बेहद खास माना जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 19 साल बाद श्रावण मास दो महीने का रहने वाला है. साल 2023 में भगवान शिव का प्रिय सावन का माह इस बार एक नहीं, बल्कि दो महीने के रहने वाला है. इसलिए इस मास को अधिक मास कहा जा रहा है. इसके अलावा इस मास को मलमास भी कहा जाता है. तो ऐसे में आइए जानते हैं कि अधिक मास कब से कब तक रहने वाला है, मलमास क्या होता है, हमें अधिक मास के दिन कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए. अधिक मास कब से कब तक है? मलमास क्या होता है ? अधिकमास में भूलकर भी न करें ये गलती 1.शादी-विवाह वर्जित होता है 2.नई दुकान या कोई नया काम न करें 3.भवन निर्माण नहीं
कराना चाहिए ये भी पढ़ें-Elephant Dream Interpretation : क्या आपने सपने में कभी हाथी देखा है ? देता है ये शुभ संकेत 4.शुभ कार्य करने से
बचें संबंधित लेखFirst Published : 18 Dec 2022, 10:27:28 AM For all the Latest Religion News, Dharm News, Download News Nation Android and iOS Mobile Apps.Adhik Maas 2023: अधिक मास भगवान विष्णु की उपासना के लिए खास होता है. Adhik Maas 2023: ज्योतिषीय गणना और हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नया साल 2023 कई मायनों में खास रहने वाला है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मानें तो साल 2023 में कई कई सारे बदलाव देखने को मिल सकते हैं. दरअसल नए साल 2023 में सावन का महीना दो महीने तक रहेगा. ऐसा अधिक मास की वजह से होने जा रहा है. ज्योतिषीयों का कहना है कि ऐसा संयोग 19 साल बाद बनने जा रहा है. जिस वजह से हिंदू कैलेंडर 12 की बजाए 13 महीनों का हो जाएगा. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से. क्या होता है पुरुषोत्तम मास या अधिक मासशास्त्रों में अधिक मास को मलमास या पुरुषोत्तम मास कहा गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में मलमास का महीना 18 जुलाई से शुरू होगा और 16 अगस्त 2023 तक रहेगा. बता दें कि हर तीन साल यानि हर 36 महीने और 16 दिन के बाद मलमास आता है. ऐसी ज्योतिषीय गणना है. Garuda purana: गरुड़ पुराण के मुताबिक रोजाना स्नाना नहीं करने वालों को मिलती है ये सजा, जानें क्यों कहलाते हैं पापी अधिक मास में जप-अनुष्ठान करना है शुभऐसा माना जाता है कि अधिक मास के दौरान जप और ध्यान के साथ किया गया दान नियमित दिनों में भगवान की पूजा करने से दस गुना अधिक फल देता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अधिक मास की पूर्णिमा पर स्नान, दान-पुण्य करने पर व्यक्ति को कई गुना लाभ प्राप्त होता है. अधिक मास में इन बातों का रखें ध्यानअधिक मास में कोई भी पवित्र कार्य करना अशुभ माना जाता है. इस दौरान किया गया विवाह पति-पत्नी के बीच अनबन का करण बनता है. मलमास के दौरान नामकरण, गृहप्रवेश, यज्ञोपवीत के साथ-साथ मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए. इसी के साथ तपस्या करने के लिए अधिक मास का बहुत महत्व है और यह भगवान पुरुषोत्तम को समर्पित है जो भगवान विष्णु का दूसरा रूप हैं. Grahan 2023: साल 2023 में इन राशियों पर पड़ेगा सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव, जानें 2023 में कब-कब है ग्रहण(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) Featured Video Of The Dayराजौरी में आतंकी हमले के पीड़ित के घर में विस्फोट, एक बच्चे की मौत; 5 घायल 2023 में पुरुषोत्तम मास कब लगेगा?इसे मलमास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. साल 2023 में अधिक मास 18 जुलाई 2023 से शुरू हो रहे हैं जिसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा.
अधिक मास कौन से साल में पड़ेगा?इस वर्ष पूरे मास मई, जून, नवंबर अाैर दिसंबर में कुल 15 विवाह के मुहूर्त ही है। जबकि 2021 की शुरूआत के तीन महिनों तक कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है। वहीं विवाह मुहूर्त 25 अप्रैल 2021 में शुरू होंगे। 18 सितंबर से अधिक मास की शुरू : ढाई साल में एक बार अधिक मास आता है।
अधिक मास कितने वर्ष के अंतराल के बाद आता है?हिंदू कैलेंडर में हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह का प्राकट्य होता है, जिसे अधिकमास, मल मास या पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस माह का विशेष महत्व है।
2023 में कौन सा महीना डबल है?उज्जैन. वर्ष 2023 में अधिकमास के कारण ढाई माह का सावन मास रहेगा। इस कारण बाबा महाकाल की सवारियां 7 से अधिक निकलेंगी। करीब 19 वर्ष बाद इस तरह का संयोग बन रहा है।
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