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Byju's Answer Standard VIII History Idea of Making a State प्राथमिक या ज... Question प्राथमिक या जनक चट्टान किसे कहा जाता है?A आग्नेय चट्टान Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses B अवसादी चट्टान No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today! Open in App Solution The correct option is A आग्नेय चट्टानआग्नेय चट्टान का निर्माण ज्वालामुखी से निकले मैग्मा या लावा से होता है पृथ्वी की उत्पत्ति के पश्चात सर्वप्रथम इन चट्टानों का निर्माण हुआ था इसलिए इन्हें प्राथमिक चट्टान या जनक चट्टान भी कहते हैं।Suggest Corrections 3 Similar questions Q. Primary deficit is measured by: प्राथमिक घाटा मापा जाता है: Q. Who among the following came to be known as the Father of Communal Electorate in India? निम्नलिखित में से किसे भारत में सांप्रदायिक निर्वाचन के जनक के रूप में जाना जाता है? Q. Who is known as the founding father of modern economics? आधुनिक अर्थशास्त्र के संस्थापक जनक के रूप में किसे जाना जाता है? Q. Q. निम्नलिखित में से किसे भारतीय पुरातत्व का जनक माना जाता
है? Q. Q. राष्ट्रीय जलमार्ग 1 कहा से कहा तक जाता है ? View More Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 2 Chapter 2 चट्टान एवं खनिज Text Book Questions and Answers, Notes. Bihar Board Class 7 Social Science चट्टान एवं खनिज Text Book Questions and Answersअभ्यास के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
उसे जलाने के लिए किरासन तेल आदि खनिज से बनी हुई हैं। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7.
1. आग्नेय चट्टान-पृथ्वी के अन्दर पिघला पदार्थ धरातल पर आने के क्रम में कभी पहले ही जम जाता है और कभी धरातल के ऊपर पहुँचकर जमता है। ऐसी चट्टानों में परतें नहीं होतीं। इनमें रवा पाये जाते हैं । जो चट्टानें पृथ्वी के अन्दर जमती हैं इनके रवे बड़े होते हैं जबकि पृथ्वी के ऊपर जमने वाली चट्टानों के रवे छोटे या महीन होते हैं । ग्रेनाइट और बेसाल्ट आदि आग्नेय चट्टान के ही उदाहरण हैं। 2. अवसादी चट्टानें-अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं । ये दो प्रकार की होती हैं : एक पानी के अन्दर तथा दूसरी पानी के बाहर जमीन पर । पानी के अन्दर जमने वाली चट्टानों की परतें अधिक होती हैं क्योंकि ये परत-दर-परत जमी होती हैं । काफी दबाव के कारण ये कड़ी हो जाती हैं और चूना-पत्थर का रूप धारण करती हैं । पानी से बाहर की अवसादी चट्टानें परत-दर-परत ही होती हैं और अपने ही दबाव से दबकर अवसादी चट्टान बन जाती हैं। उदाहरण है बलुआ पत्थर | बलुआ पत्थर कई रंग के होते हैं-लाल, भूरा, काला । 3. रूपांतरित चट्टानें-कभी-कभी आग्नेय या परतदार चट्टानों में ताप और दाब की वृद्धि होती है तो इनके रूप और गुण दोनों में बदलाव आ जाता है । रूप में अंतर के कारण ही इन्हें रूपांतरित चट्टान कहते हैं । चूना-पत्थर अपना रूप बदलकर संगमरमर में बदल जाता है । इसी प्रकार ग्रेनाइट रूपांतरित होकर नाइस बन जाता है । प्रश्न 8.
उत्तर-
प्रश्न 9.
उत्तर-
Bihar Board Class 7 Social Science चट्टान एवं खनिज Notesपाठ का सार संक्षेप पहाड़ों की चट्टानों से काटकर पत्थर निकाले जाते हैं और उन्हें प्रेसर से दल कर छोटे-छोटे टुकड़े बनाये जाते हैं । इन टुकड़ों के आकार जरूरत के मुताबिक रखे जाते हैं । सड़क बनाने वाले पत्थर के टुकड़े कुछ बड़े होते हैं । मकान के पीलर तथा छत बनाने वाले टुकड़े कुछ छोटे होते हैं । मकान के फर्श बनाने वाले टुकड़े रहर और मटर के साइज के होते हैं । सड़क, छत या फर्श की मजबूती पत्थरों के रंग से भी निश्चित की जाती है। सफेद रंग के तथा काले पत्थर बहुत अच्छे माने जाते हैं । भूरा रंग के पत्थर भी अच्छे माने जाते हैं । रोहतास, शेखपुरा, पटना जिले के दक्षिण भाग में राजगीर की पहाड़ियों से अब तक पत्थर मंगाये जाते रहे हैं । झारखंड के पाकुड़ का पत्थर बहुत अच्छा माना जाता है । बनावट के आधार पर चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं :
1. आग्नेय चट्टान-पिघला हुआ गर्म पदार्थ पृथ्वी के अन्दर से ऊपर ‘धरातल पर आने के क्रम में धरातल के निकट भू-पर्पटी पर जम जाता है। यह कभी-कभी भरातल तक पहुंच जाता है और जम जाता है आग्नेय चट्टान सदैव परतदार ही नहीं होते । छूने पर पता चलता है कि ये चिकने नहीं, बल्कि रुखड़े है अर्थात् ये रवादार है। जो रवा जल्दी जमते हैं, वे अपेक्षाकृत महीन होते हैं और जो देर से जमते हैं, उनके रवे मोटे होते हैं 2. अवसादी चट्टान-जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, अवसादी चट्टानें अवसादों के एकत्र होने से बनती हैं । नदियाँ बाढ के साथ काफी अवसाद अपने साथ लाती हैं, और लौटते समय ये अवसाद अपने किनारों पर जमा कर देती हैं । चूना पत्थर और बलुआ पत्थर अवसादी चट्टान के ही उदाहरण हैं। 3. रूपांतरित चट्टानें-जब आग्नेय चट्टानें ताप और दाब के कारण अपने रूप और गुण में बदलाव कर लेती हैं तो ऐसी चट्टानें रूपांतरित चट्टानें कहलाती हैं। चूना पत्थर अत्यधिक दबाव के कारण संगमरमर बन जाता है। वैसे ही ग्रेनाइट ताप और दाब के कारण नाइस
में बदल जाता है। प्रायः ये पत्थर का रूप ले लेते हैं। कुछ चट्टानों में खनिज भी पाये जाते हैं । खनिज हमारे अनेक कामों में व्यवहार किये जाते हैं। आज की जो उन्नत सभ्यता है, वह इन खनिजों के बल पर ही है । सोना, चाँदी, लोहा, कोयला, किरासन तेल, पेट्रोल, रसोई गैस, सब खनिजों से ही प्राप्त होते हैं। चट्टान की परिभाषा क्या है?पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं।
चट्टान किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?अर्थ-क्रस्ट के सभी कठोर एवं मुलायम पदार्थ चट्टान कहलाते हैं, जैसे पत्थर, बालू, रेत, मिट्टी आदि अर्थात अर्थ-क्रस्ट के वे सभी पदार्थ जो खनिज नहीं है, उन्हें चट्टान कहते हैं। यह ग्रेनाइट के समान कठोर हो सकती और मिट्टी के समान मुलायम भी हो सकती है।
चट्टान किसका उदाहरण है?एक चट्टान एक या अधिक खनिजों का एक समुच्चय है। गर्म और पिघले हुए मैग्मा के ठंडा होने, जमने और क्रिस्टलीकरण के कारण आग्नेय चट्टान का निर्माण होता है। ग्रेनाइट, बेसाल्ट, गैब्रो आग्नेय चट्टानों के उदाहरण हैं।
आग्नेय और अवसादी चट्टानों में क्या अंतर है?आग्नेय चट्टान और अवसादी चट्टान में क्या अंतर होता है? - Quora. अवसादी चट्टानें: यह हवा, पानी आदि द्वारा चट्टानों के छोटे टुकड़ों के एक जगह से दूसरी जगह ले जाने और जमा होने से बनती है और ये ढीले तलछट चट्टान की परतें बनाने के लिए संकुचित और सख्त बनते हैं।
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